
आदित्य गुप्ता
नई दिल्ली, 6 जुलाई 2025
डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन ने अपनी स्थापना के तीन वर्ष पूरे कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 6 जुलाई 2022 को शुरू हुआ यह संगठन आज महिलाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक मजबूत आवाज बन चुका है। यह गैर-सरकारी संगठन, जो भारत सरकार के कॉरपोरेट मंत्रालय से पंजीकृत है, समाज के उन कोनों तक पहुंच रहा है, जहां महिलाओं की आवाज को दबाया जाता रहा है। तीन वर्षों की इस यात्रा में फाउंडेशन ने न केवल चुनौतियों का डटकर सामना किया, बल्कि लाखों महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाया है।
संघर्षों से भरी शुरुआत
फाउंडेशन की स्थापना का उद्देश्य स्पष्ट था—महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उनके अधिकारों की रक्षा करना, और समाज में उनकी स्थिति को सुदृढ़ करना। लेकिन इस मिशन की राह आसान नहीं थी। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, सामाजिक उदासीनता, और वित्तीय संसाधनों की सीमितता ने शुरूआती दिनों में कई बाधाएं खड़ी कीं। इसके अतिरिक्त, कुछ असामाजिक तत्वों ने संगठन के खिलाफ झूठी शिकायतें और अफवाहें फैलाने की कोशिश की। लेकिन डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन ने अपनी पारदर्शिता, कानूनी सहायता, और प्रशासन के सहयोग से इन चुनौतियों को पार किया। यह संगठन की दृढ़ता और सच्चाई का ही परिणाम था कि उसने न केवल अपनी साख बनाए रखी, बल्कि समाज में विश्वास भी अर्जित किया।
तीन वर्षों की उपलब्धियां:नारी शक्ति की नई परिभाषा
पिछले तीन वर्षों में डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जो इसकी प्रतिबद्धता और कार्यकुशलता का प्रमाण हैं। कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
1:-महिला कौशल विकास: फाउंडेशन ने हजारों महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटीशियन कोर्स, और डिजिटल साक्षरता जैसे रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान किए। इन कार्यक्रमों ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया।
2:-शिक्षा जागरूकता अभियान: स्कूल छोड़ चुकी लड़कियों को दोबारा शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाए गए। इन प्रयासों ने न केवल लड़कियों को स्कूल वापस लाया, बल्कि उनके परिवारों में शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई।
3:-स्वास्थ्य और पोषण: स्वास्थ्य शिविरों, मासिक धर्म स्वच्छता अभियानों, और पोषण जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुविधाएं प्रदान की गईं।
4:-कानूनी सहायता: घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, और संपत्ति विवाद जैसी समस्याओं से जूझ रही महिलाओं को मुफ्त कानूनी सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया।
5:-कोविड-19 में योगदान: महामारी के दौरान फाउंडेशन ने राहत सामग्री वितरण, मास्क वितरण, और टीकाकरण जागरूकता जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इन प्रयासों ने न केवल महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाया, बल्कि समाज में लैंगिक समानता और सशक्तिकरण के प्रति एक नया दृष्टिकोण भी स्थापित किया।
राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार और प्रभाव
डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन ने स्थानीय स्तर से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। संगठन की टीमें पत्रकारिता, शिक्षा, कानून, चिकित्सा, और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञों के नेतृत्व में कार्य कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को उनके पंचायत क्षेत्रों में ही रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, जो सरकार की योजनाओं के अनुरूप हैं। यह संगठन पूर्णतः निःशुल्क योजनाएं संचालित करता है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक लाभ पहुंच रहा है।
भविष्य की योजनाएं:सशक्तिकरण का नया अध्याय
तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर फाउंडेशन ने अपने भविष्य के लक्ष्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की है। संगठन का लक्ष्य है कि वह हर जिले में अपनी सेवाएं पहुंचाए और समाज के हर कोने में महिलाओं को सशक्त बनाए। प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं:
1:-रोजगारपरक प्रशिक्षण: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और अधिक कौशल विकास केंद्रों की स्थापना।
2:-शिक्षा के लिए प्रोत्साहन: स्कूल ड्रॉपआउट लड़कियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष छात्रवृत्ति और जागरूकता कार्यक्रम।
3:-स्वास्थ्य केंद्र: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिला स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना।
4:-कानूनी सहायता केंद्र: प्रत्येक जिले में मुफ्त कानूनी सहायता केंद्र खोलने की योजना, ताकि महिलाएं अपने अधिकारों के लिए आसानी से लड़ सकें।
तीसरी वर्षगांठ समारोह: उपलब्धियों का उत्सव
6 जुलाई 2025 को डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन अपनी तीसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में नई दिल्ली में एक भव्य समारोह आयोजित करने जा रहा है। इस समारोह में संगठन की तीन वर्षों की प्रेरणादायक यात्रा को दर्शाने वाली एक विशेष डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की जाएगी। इसके साथ ही, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन न केवल फाउंडेशन की उपलब्धियों का उत्सव होगा, बल्कि समाज में महिलाओं की शक्ति को रेखांकित करने का एक मंच भी होगा।
नारी शक्ति का प्रतीक
डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन की यह तीन वर्षों की यात्रा एक प्रेरणादायक कहानी है, जो दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प, मेहनत, और समाज के सहयोग से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। यह संगठन न केवल महिलाओं को सशक्त बना रहा है, बल्कि समाज में लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय की नींव को भी मजबूत कर रहा है।
जैसा कि संगठन अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर रहा है, यह स्पष्ट है कि डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन नारी शक्ति का एक सशक्त प्रतीक बन चुका है। यह समाज के लिए एक मिसाल है कि कैसे एक संगठन, चुनौतियों को अवसर में बदलकर, लाखों महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।


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